۱۵ مهر ۱۴۰۳ |۲ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 6, 2024
تربیت

हौज़ा/अगर समाज में परिवार न हो तो इंसानों की तरबियत और सभी रूहानी ज़रूरतें पूरी नहीं हो पाएंगी, क्योंकि इंसान का मेज़ाज ऐसा है कि घर के माहौल और माँ बाप की आग़ोश के बिना ऐसी स्वस्थ, मुकम्मल और नफ़रत से पाक तरबियत नहीं हो पाएगी

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अगर समाज में परिवार न हो तो इंसानों की तरबियत और सभी रूहानी ज़रूरतें पूरी नहीं हो पाएंगी, क्योंकि इंसान का मेज़ाज ऐसा है कि घर के माहौल और माँ बाप की आग़ोश के बिना ऐसी स्वस्थ, मुकम्मल, बेऐब और नफ़रत से पाक तरबियत नहीं हो पाएगी

जो रूहानी विकास के लिए ज़रूरी है। इंसान उस वक़्त मानसिक व भावनात्मक नज़र से स्वस्थ विकास कर सकेगा जब फ़ैमिली में पले बढ़े और फ़ैमिली में उसकी तरबियत हो।

अगर फ़ैमिली में सुकून और अच्छा माहौल हो तो इस बात की ओर से मुतमइन हुआ जा सकता है कि बच्चे भावनात्मक व मानसिक लेहाज़ से स्वस्थ रहेंगे।
इमाम ख़ामेनेई,

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .